
संस्थान में खुशी की लहर, पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक विज्ञान से जोड़ा
अल्मोड़ा/देहरादून – जी.बी. पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान के सीनियर फ़ैलो पारस उपाध्याय को प्रतिष्ठित यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड 2025 से सम्मानित किया गया। ग्रामीण विज्ञान तथा समाज, विशेषकर पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों पर आधारित अनुसंधान की उत्कृष्ट प्रस्तुति के लिए उन्हें यह सम्मान प्रदान किया गया है।
यह पुरस्कार यूकॉस्ट द्वारा ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी, देहरादून में आयोजित उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी सम्मेलन (28-30 नवम्बर) के दौरान जानी-मानी हस्तियों द्वारा प्रदान किया गया।
समुदाय आधारित अनुसंधान करते हुए पारस उपाध्याय ने हवालबाग, अल्मोड़ा के ज्योली क्लस्टर के 5-6 गांवों में ग्रामीण उद्यमों के वैज्ञानिक विकास पर कार्य किया। उन्होंने कृषि एवं गैर-कृषि आधारित नवाचारों के माध्यम से किसानों की आय वृद्धि के मॉडल प्रस्तुत किए, जिसे उच्च प्रशंसा मिली। उनका शोध आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण को पारंपरिक ज्ञान से जोड़ते हुए समावेशी एवं सतत विकास को बढ़ावा देता है।
रानीखेत चिनियानौला निवासी पारस ने प्रारंभिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय रानीखेत एवं स्नातक नैनीताल परिसर से पूरी की। वे अब तक भारत सरकार की 5 महत्वपूर्ण अनुसंधान परियोजनाओं में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
इसी वर्ष उन्होंने उत्तराखंड काउंसिल फॉर बायोटेक्नोलॉजी, पंतनगर द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भी अपनी प्रस्तुति के माध्यम से अवॉर्ड प्राप्त कर संस्थान एवं क्षेत्र का नाम रोशन किया था।
उनकी इस उपलब्धि पर संस्थान परिवार में हर्ष की लहर है। संस्थान के निदेशक डॉ. आई.डी. भट्ट, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं केंद्र प्रमुख डॉ. पारोमिता घोष, डॉ. हर्षित पंत, डॉ. सतीश आर्या, साथ ही नैनीताल कैंपस से वानिकी विभाग प्रमुख डॉ. आशीष तिवारी, अंकित मेहरा, एवं क्षेत्र के लोगों ने पारस को शुभकामनाएं दी हैं।
इस उपलब्धि को युवा वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणा का स्रोत माना जा रहा है।




