
अल्मोड़ा। नगर के राजपुर और डुबकिया वार्ड में बीते कुछ दिनों से तेंदुए की लगातार मौजूदगी से क्षेत्रवासियों में भय का माहौल बना हुआ है। नवरात्रि और रामलीला जैसे धार्मिक आयोजनों के चलते रात के समय आम जनता का आना-जाना बढ़ा है, ऐसे में तेंदुए के बार-बार दिखाई देने से बड़ी अनहोनी का खतरा मंडरा रहा है। इस समस्या को देखते हुए स्थानीय पार्षदों ने सोमवार को प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) अल्मोड़ा को ज्ञापन सौंपकर क्षेत्र में पिंजरा लगाने और रात के समय नियमित गश्त की मांग की है।
पार्षदों ने बताया कि विगत दो दिनों से तेंदुआ राजपुर और डुबकिया के भीड़-भाड़ वाले हिस्सों में देखा गया है। आम लोग शाम ढलते ही घरों से बाहर निकलने से कतराने लगे हैं। खासकर बच्चे और बुजुर्ग डर के माहौल में जी रहे हैं। क्षेत्रवासी रोजमर्रा की आवश्यकताओं को पूरा करने में भी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि डुबकिया वार्ड और राजपुर वार्ड का इलाका सरसों गांव से जुड़ा हुआ है। जंगल से सटा होने के कारण तेंदुआ अक्सर इन इलाकों में प्रवेश कर रहा है। पार्षदों ने चेताया कि यदि जल्द ही इस दिशा में ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो कोई भी गंभीर घटना घट सकती है।
स्थानीय पार्षद अंजू बिष्ट (डुबकिया वार्ड), विकास कुमार (राजपुर वार्ड), नवीन कुमार (रामसिला वार्ड) और राकेश बिष्ट ने संयुक्त रूप से डीएफओ को सौंपे ज्ञापन में स्पष्ट कहा कि—
राजपुर और डुबकिया वार्ड के बीच किसी उपयुक्त स्थान पर पिंजरा लगाया जाए,
प्रभावित क्षेत्र में वन विभाग की टीम रात्रिकालीन गश्त बढ़ाए,
और आवश्यक होने पर पुलिस बल की भी मदद ली जाए।
पार्षदों ने इस बार सिर्फ डीएफओ को ही नहीं, बल्कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अल्मोड़ा और रेंजर कार्यालय को भी ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने कहा कि तेंदुए की गतिविधियां केवल वन्यजीव से जुड़ा मुद्दा नहीं हैं, बल्कि अब यह जनसुरक्षा का सवाल बन चुका है।
स्थानीय निवासियों ने भी वन विभाग से तत्काल कदम उठाने की अपील की है। लोगों का कहना है कि रात को कोई भी परिवारजन घर से बाहर जाने में सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा। महिलाएँ और स्कूली बच्चे खासकर ज्यादा डरे हुए हैं। कई लोगों ने तो तेंदुए को अपनी आंखों से देखने का दावा किया है।
पार्षदों ने प्रशासन को कहा है कि यदि समय रहते पिंजरा नहीं लगाया गया और तेंदुए की आवाजाही पर रोक नहीं लगी, तो जनता का गुस्सा भड़क सकता है। उन्होंने कहा कि प्रशासन और वन विभाग को मिलकर शीघ्र कार्यवाही करनी होगी ताकि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
इस ज्ञापन के बाद अब नगरवासी वन विभाग की ओर टकटकी लगाए हुए हैं कि कब पिंजरा लगाया जाता है और रात के समय गश्त शुरू होती है।






