
अल्मोड़ा। श्री भुवनेश्वर महादेव मंदिर एवं रामलीला समिति, कर्नाटक खोला अल्मोड़ा द्वारा आयोजित रामलीला महोत्सव के षष्टम दिवस का मंचन भव्यता और भावनाओं से परिपूर्ण रहा। मंच पर मुनि अत्रि–अनुसूया प्रसंग, पंचवटी, शूर्पनखा नासिका छेदन, खर-दूषण और त्रिशरा वध, रावण–मारीच संवाद, सीता हरण और जटायु प्रसंग का जीवंत चित्रण प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर मंचन के प्रमुख आकर्षण शूर्पनखा नासिका छेदन, खर-दूषण का युद्ध और रावण–मारीच संवाद रहे, जिन्हें देखकर दर्शक भावविभोर हो उठे। लीला का आनंद लेने आए दर्शकों ने कलाकारों की गायन कला और अभिनय की भूरि-भूरि प्रशंसा की। देश-विदेश में रह रहे प्रवासी लोग भी ऑनलाइन प्रसारण के माध्यम से इस भव्य आयोजन से जुड़े और संदेशों के जरिए समिति की सराहना की।
रामलीला का शुभारंभ जिलाधिकारी श्री आलोक कुमार पांडे और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री देवेंद्र पींचा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। जिलाधिकारी ने कहा कि समिति द्वारा बनाया गया भव्य मंच और विशाल दर्शकदीर्घा अल्मोड़ा की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। उन्होंने समिति के संस्थापक व संरक्षक पूर्व मंत्री बिट्टू कर्नाटक को इस सराहनीय प्रयास के लिए बधाई देते हुए आगे भी सहयोग का आश्वासन दिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अपने संबोधन में कहा कि अल्मोड़ा को नशा मुक्त बनाने की जिम्मेदारी सभी की है और इस दिशा में रामलीला समिति की पहल समाज के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। उन्होंने बताया कि जिले में नशामुक्ति केंद्र की स्थापना की गई है।
राम की भूमिका रश्मि कांडपाल, लक्ष्मण-कोमल जोशी, सीता-वैष्णवी पवार, शूर्पनखा-ममता वाणी भट्ट, रावण और जोगी रावण-पूर्व मंत्री बिट्टू कर्नाटक, साधु मारीच-मनीष जोशी, खर-अखिलेश सिंह थापा, दूषण-कमल पालीवाल, त्रिशरा-अभिषेक तिवारी, अत्रि मुनि-बद्री प्रसाद कर्नाटक और अनुसूया-गितांजलि पांडे ने निभाई। कलाकारों के सजीव अभिनय ने दर्शकों का मन मोह लिया।
इस अवसर पर गोविंद सिंह रावत, चंदन सिंह रावत, विजय वृहस्पति, हरीश भट्ट, अशोक बनकोटी, सुरेश चंद्र जोशी, ललित मोहन कर्नाटक, कैलाश चंद्र तिवारी, जीवन चंद्र तिवारी, पवन जोशी, प्रमोद पांडे, दिनेश चंद्र तिवारी, बृजेश पांडे, रेखा कांडपाल, ऊषा जोशी, वंदना जोशी, कीर्ति नैनवाल, मंजू नैनवाल सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
कार्यक्रम का संचालन भावना मल्होत्रा ने किया। रामलीला का यह मंचन दर्शकों के लिए अविस्मरणीय बन गया।





