
अल्मोड़ा। संवाददाता।
मध्यप्रदेश और राजस्थान में कथित रूप से जहरीले कफ सीरप के सेवन से नौनिहालों की गम्भीर स्थिति सामने आने के बाद खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफ०डी०ए०) उत्तराखण्ड ने राज्यभर में सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। वरिष्ठ औषधि निरीक्षक मीनाक्षी बिष्ट के निर्देशानुसार औषधि निरीक्षक पूजा जोशी द्वारा नगर के विभिन्न मेडिकल प्रतिष्ठानों में औचक निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य बच्चों के लिए प्रतिबन्धित कफ सीरप कोल्ड्रिफ और डेक्सट्रोमेथीफन हाइड्रोब्रोमाइड के बिक्री एवं भंडारण की जांच करना था। राज्य सरकार ने इन दवाओं को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया है। निरीक्षण के दौरान संबंधित दवाओं के नमूने लिये गए और दवा विक्रेताओं को निर्देशित किया गया कि चार वर्ष से कम आयु के बच्चों को चिकित्सक के परामर्श के बिना ये सीरप न दें।
एफ०डी०ए० आयुक्त ज्ञाजबर सिंह जग्गी ने बताया कि प्रदेशभर में कफ सीरप बनाने वाली कंपनियों, सरकारी अस्पतालों और प्राइवेट मेडिकल स्टोरों से नमूने एकत्र कर प्रयोगशाला में जांच हेतु भेज दिये गए हैं। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट प्राथमिकता के आधार पर प्राप्त की जाएगी और दोषपूर्ण दवाएं मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वरिष्ठ औषधि निरीक्षक मीनाक्षी बिष्ट ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार ने बच्चों के कफ सीरप के उपयोग को लेकर एडवाइजरी जारी की है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने सभी जिलों को चरणबद्ध तरीके से नमूने लेने और दोषपूर्ण दवाओं को बाजार से तत्काल हटाने के निर्देश दिये हैं।
निरीक्षण के दौरान दवा विक्रेताओं ने विभाग को पूरा सहयोग दिया और आश्वासन दिया कि भविष्य में किसी भी प्रकार का नियम उल्लंघन नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री, सचिव स्वास्थ्य और आयुक्त एफ०डी०ए० के निर्देशानुसार कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन अल्मोड़ा के अध्यक्ष आशीष वर्मा, सचिव गिरीश उप्रेती, उपाध्यक्ष कस्तूरी लाल, कोषाध्यक्ष राघव पंत, उपसचिव योगेश भट्ट, संरक्षक ललित भट्ट, मीडिया प्रभारी दीप चन्द्र वर्मा तथा विधि सलाहकार कौस्तुभ पाण्डे ने अपने सभी सदस्यों को निर्देशित किया है कि चार वर्ष से कम आयु के बच्चों को यह सीरप कतई न दिया जाए तथा चार वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को भी केवल चिकित्सक के परामर्श पर ही दवा उपलब्ध कराई जाए।





