
एकीकृत खेती से आत्मनिर्भर किसान की दिशा में ठोस कदम — पीएमकेएसवाई 2.0 समीक्षा बैठक सम्पन्न
चंपावत। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY 2.0) के प्रभावी क्रियान्वयन एवं प्रगति की समीक्षा हेतु जिलाधिकारी मनीष कुमार की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। बैठक में कृषि, उद्यान, जल संस्थान, लघु सिंचाई सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में सारा, घेरबाड़, आलू उत्पादन, एकीकृत खेती, सिंचाई एवं लघु सिंचाई योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने सभी विभागों को अपने कार्यों की डीपीआर (DPR) शीघ्र तैयार कर शासन को भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि “कृषि उत्पादन बढ़ाने और किसानों की आय में वृद्धि हेतु योजनाओं का धरातल पर प्रभावी क्रियान्वयन आवश्यक है।”
जिलाधिकारी ने उद्यान विभाग को निर्देशित किया कि पॉलीहाउस का पूर्ण सदुपयोग सुनिश्चित किया जाए, ताकि अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें। साथ ही उन्होंने कृषि विभाग को निर्देश दिए कि चेन लिंक फेंसिंग निर्माण में कंक्रीट बेस (Concrete Base) अवश्य बनाया जाए, जिससे आवारा पशुओं व सूअरों द्वारा फेंसिंग को नुकसान न पहुंचे।
उन्होंने कहा कि एकीकृत खेती के अंतर्गत क्षेत्र आधारित कृषि को बढ़ावा दिया जाए और किसानों को फसल विविधीकरण की ओर प्रेरित किया जाए, ताकि वे एक फसल पर निर्भर न रहें और आत्मनिर्भर बन सकें।
जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजनाओं के लक्ष्यों को निर्धारित समयसीमा के भीतर पूरा किया जाए तथा कृषि नवाचारों और तकनीकी अपनाने पर बल दिया जाए, जिससे प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के उद्देश्यों की पूर्ति सुनिश्चित हो सके।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जी.एस. खाती, मुख्य कृषि अधिकारी धनपत कुमार, जिला उद्यान अधिकारी हरीश कोहली सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।





