
अल्मोड़ा। नगर के ऐतिहासिक सांस्कृतिक आयोजनों में से एक श्री भुवनेश्वर महादेव मंदिर एवं रामलीला समिति कर्नाटक खोला द्वारा आयोजित रामलीला मंचन का द्वितीय दिवस मंगलवार को बड़े ही धार्मिक और उत्साहपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर रामायण के महत्वपूर्ण प्रसंगों का मंचन किया गया, जिनमें विश्वामित्र का अयोध्या आगमन, दशरथ-विश्वामित्र संवाद, ताड़िका वध, सुबाहु वध, अहिल्या उद्धार एवं गौरी पूजन प्रमुख आकर्षण रहे।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि नगर निगम महापौर अजय वर्मा शामिल हुए। उन्होंने दीप प्रज्वलित कर रामलीला का शुभारंभ किया और कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। इस दौरान रामलीला समिति के संरक्षक बिट्टू कर्नाटक ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और समिति की ओर से उनका आभार व्यक्त किया।
रामलीला के मंचन की शुरुआत विश्वामित्र के अयोध्या आगमन से हुई, जहाँ उन्होंने राजा दशरथ से राक्षसों के अत्याचार से मुक्ति दिलाने हेतु राम-लक्ष्मण को अपने साथ भेजने का निवेदन किया। इसके बाद ताड़िका प्रसंग का मंचन किया गया, जिसमें बालक राम द्वारा ताड़िका वध का जीवंत चित्रण दर्शकों के लिए रोमांचकारी रहा। सुबाहु वध और मारीच के पराभव के दृश्य ने भी श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया।
मंचन का सबसे भावुक क्षण अहिल्या उद्धार का प्रसंग रहा, जहाँ राम के चरण स्पर्श से अहिल्या का पत्थर से मुक्त होना दर्शकों की आँखों को नम कर गया। इसके बाद हुए गौरी पूजन दृश्य ने भी आध्यात्मिकता का वातावरण निर्मित किया।
रामलीला मंचन में कलाकारों ने अपनी सशक्त संवाद अदायगी और भावपूर्ण अभिनय से दर्शकों को ऐसा अनुभव कराया मानो वे स्वयं त्रेता युग के साक्षी हों। मंच पर प्रस्तुत संवादों ने लोगों को धर्म, सत्य और नीति की शिक्षा दी।
समिति द्वारा बताया गया कि प्रतिदिन अलग-अलग प्रसंगों का मंचन किया जाएगा, जिसमें नगर के वरिष्ठजनों, महिलाओं और युवाओं की सक्रिय भागीदारी रहेगी। कार्यक्रम का संचालन भावना मल्होत्रा ने कुशलता से किया।
मुख्य अतिथि अजय वर्मा ने कहा कि कर्नाटक खोला की रामलीला नगर की सांस्कृतिक धरोहर है, जो पीढ़ियों से समाज को धर्म, मर्यादा और संस्कारों की सीख देती आ रही है। उन्होंने समिति के प्रयासों की सराहना करते हुए इसे नगर की सामाजिक एकता और सांस्कृतिक पहचान बताया।
द्वितीय दिवस की रामलीला को देखने के लिए स्थानीय लोगों के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। मंचन के दौरान दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का मनोबल बढ़ाया।
कार्यक्रम के अंत में समिति की ओर से समस्त आगंतुकों और कलाकारों का आभार प्रकट किया गया। आगामी दिनों में भी रोचक प्रसंगों के मंचन की घोषणा की गई, जिनका नगरवासी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। राम- रश्मि काण्डपाल, लक्ष्मण – कोमल जोशी,सीता – वैष्णवी पवार ,दशरथ -चिरंजीवी लाल वर्मा, ताडिका -हिमांशी अधिकारी , पायल काण्डपाल व निशा काण्डपाल -ताडिका शक्तियां ,सुबाहु -अमर बोरा,मारीच-अभिषेक तिवारी,अहिल्या -गीतांजलि पाण्डे ,गौरी- प्रत्यक्षा मल्होत्रा के सुंदर अभिनय एवं संवाद ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दर्शकों ने रामलीला समिति के संस्थापक/संयोजक बिट्टू कर्नाटक द्वारा रामलीला का उत्कृष्ट मंचन दिखाये जाने पर काफी सराहना की , साथ ही देश विदेशों में आन -लाइन देख रहे दर्शकों ने अपने संदेशों के माध्यम से रामलीला मंचन की भूरि भूरि प्रशंसा की ।
इस अवसर पर मुख्यतः मोहन चन्द्र काण्डपाल,दिनेश चन्द्र तिवारी,भुवन चन्द्र कर्नाटक ,लीलाधर कांडपाल,पूरन चन्द्र तिवारी, एम.डी.कांडपाल,जगदीश चन्द्र तिवारी,महेश कर्नाटक, दयाकिशन जोशी, बद्री प्रसाद कर्नाटक, रमेश चंद्र जोशी,कमलेश कर्नाटक, योगेश जोशी, गौरव काण्डपाल,अशोक बनकोटी ,दिनेश मठपाल, नन्दन बगडवाल,भुवन पाण्डे,हेम जोशी,देवेन्द्र गोस्वामी , कौशल पाण्डे,आशु रौतेला, डॉ विद्या कर्नाटक,आशा मेहता, कविता पाण्डे, कंचन पाण्डे, रेखा जोशी,सीमा कर्नाटक ,सुनीता बगडवाल आदि सहित सैकडों दर्शक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन भावना मल्होत्रा द्वारा किया गया।


