
अल्मोड़ा। केंद्रीय मंत्री एवं सांसद अल्मोड़ा अजय टम्टा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कांग्रेस और अल्मोड़ा विधायक पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अल्मोड़ा के हित से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे को राजनीतिक स्वार्थ के चलते रोका गया।
अजय टम्टा ने कहा कि सितम्बर 2024 में क्वारब के समीप लगभग 200 मीटर का भू-स्खलन जोन बन गया था। इस क्षेत्र की गंभीरता को देखते हुए भारत सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय की तकनीकी समिति, THDC और IIT के विशेषज्ञों ने निरीक्षण कर दो उपचार योजना सुझाई – हिल साइड ट्रीटमेंट और वैली साइड ट्रीटमेंट।
उन्होंने बताया कि हिल साइड ट्रीटमेंट के लिए 51.37 करोड़ रुपये तथा वैली साइड ट्रीटमेंट के लिए 17.14 करोड़ रुपये की DPR भारत सरकार को भेजी गई थी, जिसे उनके अनुरोध पर तत्काल स्वीकृति मिल गई। दोनों योजनाओं की निविदा प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है और कार्य निर्धारित समयसीमा में पूरा होगा।
टम्टा ने कहा कि क्वारब कोनिक जोन पर कार्य के दौरान आमजन की सुविधा प्रभावित न हो, इसके लिए उन्होंने एक वैकल्पिक मार्ग निर्माण का सुझाव रखा। PWD अल्मोड़ा द्वारा तैयार आगणन के आधार पर 1.70 किलोमीटर लंबे इस मोटर मार्ग और वैली ब्रिज के लिए 10.23 करोड़ रुपये की स्वीकृति 26 मई 2025 को भारत सरकार से मिल गई।
उन्होंने आरोप लगाया कि 16 जून 2025 को लोक निर्माण विभाग ने कार्य प्रारम्भ कर दिया था और 15 सितम्बर 2025 तक इसे पूरा करना था। लेकिन 18 जून को कांग्रेस पदाधिकारियों एवं विधायक मनोज तिवारी ने इसका प्रबल विरोध कर निविदा प्रक्रिया का दबाव बनाया, जिससे कार्य रुक गया। अब यह कार्य 19 सितम्बर 2025 से प्रारम्भ हुआ है।
अजय टम्टा ने कांग्रेस से सवाल किया, “अगर विभागीय प्रक्रिया पर संदेह था तो आप उसकी तकनीकी जाँच कराते, न कि जनता की सुविधा के लिए बन रहे वैकल्पिक मार्ग का विरोध करते। आपकी वजह से यह निर्माण कार्य चार माह पीछे चला गया।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस जनता को बरगलाना बंद करे और स्पष्ट करे कि आपदा जैसी परिस्थितियों में क्या कांग्रेस निविदा प्रक्रिया का इंतजार करने की बात कहेगी या आमजन को राहत देने के लिए वैकल्पिक मार्ग का समर्थन करेगी।
अंत में अजय टम्टा ने कहा कि भाजपा और भारत सरकार आमजन की सुविधा एवं सुरक्षा को प्राथमिकता देती है, जबकि कांग्रेस मात्र राजनीतिक मुद्दे बनाने में जुटी हुई है। उन्होंने कांग्रेस से मांग की कि वह जनता को बताये कि अल्मोड़ा की सुविधा के लिए बन रहे इस वैकल्पिक मार्ग का विरोध क्यों किया गया।





