
अल्मोड़ा। नगर क्षेत्र के पूर्वी पोखरखाली क्षेत्र में पीतांबर पांडे के घर के पीछे एक गाय के घंटों से फंसे होने का मामला सामने आया। गाय एक संकरे और गहरे स्थान में फंस गई थी, जिससे वह बाहर निकलने में असमर्थ थी। काफी देर तक गाय के कराहने की आवाज सुनकर स्थानीय वार्ड वासियों ने स्थिति की गंभीरता को समझा और तुरंत अपने क्षेत्रीय पार्षद गुंजन सिंह चम्याल को इसकी सूचना दी।
सूचना मिलते ही पार्षद गुंजन सिंह चम्याल ने बिना विलंब किए नगर निगम, एसडीआरएफ (SDRF) और अग्निशमन विभाग को मामले से अवगत कराया। पार्षद की तत्परता के चलते कुछ ही समय में राहत एवं बचाव दल मौके पर पहुंच गया। रेस्क्यू अभियान को बेहद सावधानी के साथ अंजाम दिया गया, क्योंकि गाय डरी हुई थी और हल्की-सी चूक से उसे गंभीर चोट लग सकती थी।
लगभग कई घंटों की मशक्कत के बाद संयुक्त प्रयासों से गाय को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने भी बचाव कार्य में भरपूर सहयोग दिया। गाय के बाहर निकलते ही वहां मौजूद लोगों ने राहत की सांस ली। रेस्क्यू के तुरंत बाद पार्षद गुंजन सिंह चम्याल ने पशु चिकित्सकों की टीम को मौके पर बुलवाया, जिन्होंने गाय की जांच कर आवश्यक उपचार किया। प्राथमिक उपचार के बाद गाय की स्थिति संतोषजनक बताई गई।
इस अवसर पर पार्षद गुंजन सिंह चम्याल ने नगर निगम को स्पष्ट निर्देश दिए कि नगर क्षेत्र में टैग लगी गायों का तत्काल चालान किया जाए। उन्होंने कहा कि कई पशुपालक टैग लगी गायों को आवारा छोड़ देते हैं, जिससे आए दिन इस प्रकार की दुर्घटनाएं हो रही हैं। इससे न केवल पशुओं की जान को खतरा होता है, बल्कि आम जनता की सुरक्षा भी प्रभावित होती है।
पार्षद ने अपील की कि पशुपालक अपनी जिम्मेदारी समझें और अपने पशुओं की उचित देखभाल करें। उन्होंने नगर निगम से नियमित अभियान चलाकर आवारा पशुओं की समस्या पर सख्ती से कार्रवाई करने की मांग भी की। स्थानीय नागरिकों ने पार्षद की तत्परता और संवेदनशीलता की सराहना करते हुए कहा कि समय रहते की गई कार्रवाई से एक बेजुबान की जान बच सकी।




