
अल्मोड़ा।
मोतियापाथर और नाटाडोल क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित हो रहे होम स्टे और होटलों के खिलाफ स्थानीय ग्रामीणों ने जिलाधिकारी अल्मोड़ा को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले लगभग 10 वर्षों से कृषि भूमि पर बिना अनुमति के वाणिज्यिक गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं। कई स्थानों पर बिना 143 परिवर्तन और बिना नक्शा स्वीकृत कराए भवनों का निर्माण किया गया है, जिन्हें बाद में होटल और होम स्टे के रूप में उपयोग किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि इन अवैध होम स्टे और होटलों के कारण न केवल क्षेत्र का प्राकृतिक सौंदर्य प्रभावित हो रहा है, बल्कि सरकार को कर (टैक्स) क्षति भी हो रही है। साथ ही बिना सत्यापन के बाहरी लोगों को ठहराया जा रहा है, जिससे सुरक्षा संबंधी खतरे भी उत्पन्न हो रहे हैं।
ग्रामीणों ने दिए कई उदाहरण
ज्ञापन में मुख्य रूप से नेस्ट, हाईव, त्रिनेत्र, हिमालयन हिल्स, जैन आश्रम, बैकुंड होम स्टे, प्रवीणा रवि कुमार, अब्राहम पॉल, राजकपूर शिखर कंस्ट्रक्शन सहित कई नामों का उल्लेख किया गया है। ग्रामीणों ने मांग की है कि इन संपत्तियों की जांच की जाए कि कब भूमि खरीदी गई, क्या 143 किया गया, नक्शा कहाँ से पास हुआ और कहीं सरकारी या पंचायत भूमि पर कब्जा तो नहीं है।
सुरक्षा को बताया बड़ा मुद्दा
ग्रामीणों का कहना है कि बाहरी पर्यटक और रहने वाले लोग बिना पुलिस सत्यापन के यहां ठहरते हैं, जो क्षेत्र की सुरक्षा के लिए गंभीर विषय है।
ग्राम सभा की सहमति से भेजा गया पत्र
यह पत्र गांव की बैठक में सहमति से भेजा गया है। ग्रामीणों ने लिखा है कि यह कदम गांव में सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने और भविष्य में अराजकता रोकने के लिए उठाया गया है।
ज्ञापन भेजने वालों में शंकर मेर, कंचन मेर, विनोद भट्ट, रमेश मेलकानी, सुरेश जोशी, विरेन्द्र नयाल, जीवन आर्या (पूर्व प्रधान), मीना आर्या (प्रधान), भागूली देवी (सरपंच), शिवराम आर्या, धन सिंह ठठोला, अनिता आर्था (प्रधान), संदीप नैणवाल सहित नाटाडोल और मोतियापाथर क्षेत्र के ग्रामीण शामिल हैं।
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से अनुरोध किया है कि अवैध निर्माणों और होटलों की जांच करवाकर नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते कार्यवाही नहीं हुई तो यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है।




