
अल्मोड़ा।
हवालबाग ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली ग्राम सभा घनेली इन दिनों आपदा की मार झेल रही है। लगातार बारिश और भूस्खलन के चलते यहां की स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है। अधिकांश घर, विशेषकर मल्ला घनेली क्षेत्र के, टूटने के कगार पर पहुंच चुके हैं। ग्रामीण भय और असुरक्षा की स्थिति में अपने परिवार के साथ किसी तरह दिन-रात काट रहे हैं।
इसी बीच शनिवार को रेड क्रॉस समिति की एक टीम ने घनेली पहुंचकर आपदा प्रभावित परिवारों की पीड़ा को करीब से देखा और उन्हें तिरपाल उपलब्ध कराए। समिति के सदस्यों ने कहा कि यहां की स्थिति बेहद दयनीय है। लोगों के घरों की दीवारों और छतों में गहरी दरारें आ चुकी हैं, जिससे किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है। टीम ने जिला प्रशासन से मांग की है कि वह तुरंत घनेली में विशेषज्ञ टीम भेजकर हालात का आकलन करे और प्रभावित परिवारों को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराए।
इस अवसर पर रेड क्रॉस समिति के अध्यक्ष आशीष वर्मा ने कहा कि संगठन हर परिस्थिति में जरूरतमंदों के साथ खड़ा है। उन्होंने बताया कि तिरपाल वितरित कर प्रभावितों को तत्काल राहत देने का प्रयास किया गया है, लेकिन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को भी आगे आकर दीर्घकालिक समाधान खोजना होगा।
प्रदेश प्रतिनिधि मनोज सनवाल ने कहा कि घनेली के हालात देखकर हर किसी का मन व्यथित हो जाता है। यहां के लोग हर पल डर के साये में जी रहे हैं। अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो कई परिवार बेघर हो सकते हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से आपदा प्रभावितों के लिए पुनर्वास योजना तैयार करने की मांग की।
समिति के उपाध्यक्ष भैरव गोस्वामी, सचिव विनीत बिष्ट, कोषाध्यक्ष दीप जोशी, यूथ रेड क्रॉस अध्यक्ष पार्षद अमित साह मोनू, यूथ पार्षद अर्जुन बिष्ट, शंकर दत्त भट, मनोज जोशी, पार्षद अभिषेक जोशी, रक्षित कार्की और ग्राम प्रधान घनेली ने भी प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं को उच्च स्तर तक पहुंचाया जाएगा।
ग्रामीणों ने भी अपनी व्यथा समिति के समक्ष रखी। उनका कहना था कि लगातार बारिश और भूस्खलन ने उनके घरों को कमजोर कर दिया है। कई परिवारों के पास सुरक्षित रहने के लिए दूसरी जगह नहीं है। बच्चों और बुजुर्गों की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है।
ग्राम प्रधान ने कहा कि वह पहले ही जिला प्रशासन को स्थिति की जानकारी दे चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे तत्काल मौके पर आकर स्थिति का जायजा लें और आपदा प्रभावित परिवारों को राहत व पुनर्वास की दिशा में ठोस कदम उठाएं।
रेड क्रॉस समिति ने आश्वासन दिया कि जब तक प्रशासन की ओर से उचित कदम नहीं उठाए जाते, समिति हर संभव सहायता उपलब्ध कराती रहेगी।
ग्रामीणों का कहना है कि आपदा की इस घड़ी में प्रशासन और नेताओं को केवल घोषणाओं तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि जमीनी स्तर पर राहत और पुनर्वास कार्य सुनिश्चित करना चाहिए। अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस गंभीर स्थिति में कितनी तेजी से सक्रिय होते हैं।




