
अल्मोड़ा।
उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) ने जनसंख्या के आधार पर प्रस्तावित परिसीमन का कड़ा विरोध किया है। दल के केंद्रीय सचिव गिरीश नाथ गोस्वामी ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि यदि 2026 में होने वाला परिसीमन केवल जनसंख्या के आधार पर किया गया तो इससे राज्य की मूल भावना और इसकी स्थापना की अवधारणा ही समाप्त हो जाएगी।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि यूकेडी किसी भी राजनीतिक दल की इस प्रकार की साजिश को सफल नहीं होने देगा। दल का मानना है कि परिसीमन क्षेत्रफल के आधार पर होना चाहिए, क्योंकि केवल जनसंख्या आधार पर परिसीमन होने से पहाड़ी क्षेत्रों की विधानसभा सीटें कम हो जाएंगी। इसका सीधा असर पहाड़ के प्रतिनिधित्व पर पड़ेगा और वहां की समस्याओं को समझने व उठाने वाले जनप्रतिनिधियों की संख्या घट जाएगी।
गोस्वामी ने कहा कि यदि ऐसा हुआ तो दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की आवाज कमजोर पड़ जाएगी और उन्हें सीधा नुकसान झेलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राज्य गठन के पीछे मूल उद्देश्य था कि पहाड़ की भौगोलिक व सामाजिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर यहां की जनता को उचित प्रतिनिधित्व मिले, लेकिन जनसंख्या आधारित परिसीमन इस उद्देश्य को ही विफल कर देगा।
केंद्रीय सचिव ने बताया कि संगठन को मजबूत करने के लिए लगातार अधिवेशन आयोजित किए जा रहे हैं। अब तक अल्मोड़ा, बागेश्वर, रानीखेत, पिथौरागढ़, डीडीहाट, चंपावत, खटीमा और नैनीताल में अधिवेशन सफलतापूर्वक संपन्न हो चुके हैं। इन अधिवेशनों में कार्यकर्ताओं को इस मुद्दे पर जागरूक किया जा रहा है और आने वाले समय में बड़े पैमाने पर जनसंपर्क अभियान चलाने की योजना बनाई जा रही है।
यूकेडी का कहना है कि जनता के बीच जाकर गांव-गांव इस विषय पर चर्चा की जाएगी और लोगों को परिसीमन के खतरों से अवगत कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस मुद्दे पर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी और पहाड़ के हितों से समझौता करने वाली किसी भी योजना को लागू नहीं होने दिया जाएगा।





