
अल्मोड़ा – अल्मोड़ा नगर निगम क्षेत्र में जनता की सुविधा के लिए बनाया गया जन सुविधा केंद्र अब सफेद हाथी बनता जा रहा है। इस केंद्र का उद्देश्य नागरिकों को विभिन्न सरकारी सेवाएं जैसे दस्तावेज़ों की प्राप्ति, बिल भुगतान, शिकायतों का निवारण, प्रमाणपत्रों का वितरण आदि आसान और सुविधाजनक बनाना था। लेकिन वर्तमान में यह केंद्र पूरी तरह से उपेक्षित और नकारात्मक स्थिति में है। यह स्थिति नगर निगम कार्यालय के पास स्थित इस केंद्र की है, जो प्रशासन की सीधी निगरानी में आता है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस केंद्र के निर्माण के समय यह वादा किया गया था कि यह एक आधुनिक और प्रभावी सुविधा केंद्र होगा, जहां लोग आसानी से अपनी रोज़मर्रा की सरकारी जरूरतों को पूरा कर सकेंगे। लेकिन आज यह केंद्र पूरी तरह से निष्क्रिय पड़ा हुआ है और किसी भी तरह से जनता की मदद नहीं कर पा रहा है। इसके बंद होने या खराब स्थिति में होने के बावजूद प्रशासन और नगर निगम ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया है, जिससे लोगों में निराशा और आक्रोश है।
सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि प्रशासन और नगर निगम दोनों ही इस उपेक्षित केंद्र की स्थिति से पूरी तरह से वाकिफ हैं, लेकिन फिर भी कोई सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए हैं। यह दर्शाता है कि सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने में नगर निगम और प्रशासन की नाकामी है। लाखों रुपये हर साल विकास योजनाओं पर खर्च किए जाते हैं, लेकिन जब बात निगरानी और रखरखाव की आती है, तो जिम्मेदार विभाग पूरी तरह से अनदेखा कर देते हैं।
यह स्थिति न केवल सरकारी योजनाओं की विफलता को दिखाती है, बल्कि ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘ई-गवर्नेंस’ जैसी योजनाओं की सच्चाई भी उजागर करती है। ऐसे केंद्रों का उद्देश्य उन नागरिकों को सहूलियत प्रदान करना था जो ऑनलाइन सुविधाओं का उपयोग नहीं कर सकते, खासकर बुजुर्ग और ग्रामीण क्षेत्रों के लोग। लेकिन अफसोस कि यह केंद्र अब एक वीरानी में बदल चुका है।
अल्मोड़ा की जनता ने प्रशासन से इस केंद्र को फिर से सक्रिय करने और इसे जनता की सेवा में लाने की मांग की है। साथ ही नगर निगम से यह उम्मीद की जाती है कि वह अपनी जिम्मेदारी निभाए और इस केंद्र की देखभाल और निगरानी सुनिश्चित करे। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो यह सरकारी संसाधन महज एक कागजी उपलब्धि बनकर रह जाएगा, जिसका किसी को कोई लाभ नहीं होगा।





