
एडम्स मैदान में कवियों ने सुनाए ओजस्वी और भावपूर्ण गीत
अल्मोड़ा। ऐतिहासिक माँ नंदा देवी मेले के अंतर्गत रविवार को एडम्स मैदान में भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह आयोजन साहित्य और संस्कृति का अद्भुत संगम साबित हुआ। कवि सम्मेलन में क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर के कवियों ने भाग लेकर अपनी ओजस्वी, व्यंग्यात्मक, भावनात्मक और प्रेरणादायी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष मनोज वर्मा ने की जबकि मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी उपस्थित रहे। संचालन मेला समिति के सचिव मनोज सनवाल ने किया। मंच पर मेला समिति के मुख्य सांस्कृतिक संयोजक तारा जोशी, मुख्य संयोजक अर्जुन बिष्ट चीमा, सह संयोजक रवि गोयल, व्यवस्थापक अनूप साह, कोषाध्यक्ष हरीश बिष्ट, सहित अन्य गणमान्यजन मौजूद रहे।
कवि सम्मेलन में डॉ. डी.एस. बोरा ने सामाजिक मुद्दों पर अपनी ओजपूर्ण कविता प्रस्तुत की, वहीं विपिन जोशी ‘कोमल’ ने अपनी ग़ज़ल और गीतों से सभी को भावविभोर कर दिया। शंकर जोशी और प्रेमा गड़कोटी ने लोकसंस्कृति और महिला सशक्तिकरण को केंद्र में रखकर रचनाएं सुनाईं। विनीता जोशी और चंद्र उप्रेती ने समसामयिक हालात पर व्यंग्य के माध्यम से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया।
कमला बिष्ट और ध्रुव टम्टा ने उत्तराखंड की लोकसंस्कृति से जुड़ी कविताएं प्रस्तुत कर दर्शकों की वाहवाही लूटी। केवलानंद जोशी और उदय किरौला ने हास्य और व्यंग्य से कार्यक्रम में नई ऊर्जा भरी। मोहन लाल टम्टा और धाराबल्लभ पांडेय की रचनाओं ने भी वातावरण को गूंजायमान किया। प्रो. रिजवाना सिद्दीकी और नरेंद्र पाल सिंह ने साहित्यिक गंभीरता और संवेदनशीलता का नया आयाम प्रस्तुत किया।
बीना चतुर्वेदी और दिनेश पांडेय ने मातृभूमि और समाज पर आधारित कविताएं सुनाकर सभी को भावुक कर दिया। प्रो. हामिद अंसारी और प्रो. देव सिंह पोखरिया ने युवाओं को नई दिशा और दृष्टि देने वाली प्रेरक कविताएं प्रस्तुत कीं। नवीन बिष्ट पत्रकार की कुमाऊनी भाषा की कविताओं ने भी खूब सराहना बटोरी।
कवि नवीन बिष्ट ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि –
“माँ नंदा देवी मेला केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह हमारी लोकसंस्कृति, साहित्य और सामूहिक चेतना का भी उत्सव है। कवि सम्मेलन जैसे आयोजन हमें समाज की सच्चाइयों को शब्दों में ढालकर लोगों तक पहुँचाने का अवसर देते हैं। साहित्य ही वह माध्यम है जो पीढ़ियों को जोड़ने का काम करता है और हमें अपनी जड़ों से जोड़े रखता है।”
कार्यक्रम में नगर के अनेक जनप्रतिनिधि और साहित्यप्रेमी उपस्थित रहे। पार्षद कुलदीप मेर, अभिषेक जोशी, विजय भट्ट ‘गुड्डू’, संयोजक अमरनाथ सिंह नेगी, मीडिया प्रभारी कपिल मल्होत्रा, व्यवस्थापक हरीश भंडारी, हितेश वर्मा, जगत तिवारी, आशीष बिष्ट, दया कृष्ण परगाई, नमन बिष्ट, पंकज परगाई, आदित्य बिष्ट, गोविंद मेहरा आदि ने अपनी सक्रिय उपस्थिति से कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया।
मुख्य अतिथि प्रकाश चंद्र जोशी ने कहा कि कवि सम्मेलन हमारी सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि साहित्य समाज का आईना होता है और इस तरह के आयोजनों से नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का अवसर मिलता है।
अध्यक्ष मनोज वर्मा ने सभी कवियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि माँ नंदा देवी मेले के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं बल्कि समाज में जागरूकता और एकता का संदेश देना भी है।
कवि सम्मेलन देर रात तक चला और हर कवि की प्रस्तुति पर तालियों की गड़गड़ाहट से मैदान गूंजता रहा। दर्शक भावनाओं, हंसी और विचारों के इस अनोखे संगम को लंबे समय तक याद रखेंगे।








