
अल्मोड़ा मुख्यालय में शिक्षकों व कार्मिकों ने जताया आक्रोश
अल्मोड़ा। पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एन.एम.ओ.पी.एस.) उत्तराखंड के बैनर तले शुक्रवार को उपवास कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन जनपद मुख्यालय अल्मोड़ा में हरगोविंद चिकित्सालय और चौघान पाटा में किया गया।
धरना स्थल पर उपस्थित जिला अध्यक्ष गणेश भंडारी, सचिव भूपाल चिलवाल तथा प्रांतीय कोर कमेटी सदस्य धीरेन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली को लेकर आंदोलन लगातार जारी रहेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार में शामिल नेता स्वयं पुरानी पेंशन का लाभ उठा रहे हैं, लेकिन शिक्षकों और कार्मिकों को इसका अधिकार नहीं दिया जा रहा है। इस दोहरे मापदंड से कर्मचारियों में गहरा रोष व्याप्त है।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षक, कार्मिक और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इनमें प्रमुख रूप से मीनू भट्ट, हिमानी पाण्डेय, चन्द्रा आर्या, सुनीता, सविता, ममता, फार्मासिस्ट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डी.के. जोशी, जिला मंत्री रजनीश जोशी, हवालबाग ब्लॉक से एन.एम.ओ.पी.एस. संरक्षक संजय जोशी, ब्लॉक मंत्री राजू लटवाल, गजेंद्र बिष्ट, जिला मीडिया प्रभारी नितेश कांडपाल, विरेंद्र सिजवाली, नरेंद्र पाल सिंह, बृजेश डशीला, खुशाल महर, सुरेश वर्मा, कुंदन जीवन शाह बिष्ट, हुकुम सिंह पलियाल, राजेंद्र खड़ायत आदि मौजूद रहे।
इस दौरान जिला अध्यक्ष गणेश भंडारी ने स्पष्ट किया कि जब तक पुरानी पेंशन बहाल नहीं होती, तब तक आंदोलन अनवरत जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि 1 अक्टूबर को प्रदेशभर के शिक्षक और कार्मिक सोशल मीडिया पर जागरूकता अभियान चलाएंगे, वहीं 25 नवंबर को दिल्ली में विशाल आंदोलन किया जाएगा।
प्रांतीय कोर कमेटी सदस्य धीरेन्द्र कुमार पाठक और डी.के. जोशी ने कहा कि पुरानी पेंशन सिर्फ आर्थिक सुरक्षा का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह समाजिक मूल्यों और ढांचे को बनाए रखने के लिए भी जरूरी है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब माननीय मुख्यमंत्री, विधायक और प्रधानमंत्री पुरानी पेंशन का लाभ उठा सकते हैं, तो शिक्षकों और कार्मिकों को यह सुविधा क्यों नहीं दी जा रही है।
उपवास कार्यक्रम शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ, लेकिन इसमें शामिल कार्मिकों और शिक्षकों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो आंदोलन और व्यापक रूप लेगा।




