
अल्मोड़ा। सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा और कुमाऊं की सबसे प्राचीन एवं ऐतिहासिक रामलीला — श्री नंदादेवी रामलीला कमेटी द्वारा आयोजित रामलीला मंचन का शुभारंभ सोमवार को धूमधाम से हुआ। प्रथम दिवस की लीला में रावण अत्याचार, देवगण स्तुति, राम जन्म और सीता जन्म की आकर्षक प्रस्तुति दी गई।
रामलीला का उद्घाटन सोबन सिंह जीना परिसर कला संकाय अध्यक्ष डॉ. शेखर जोशी, पूर्व नगरपालिका सभासद जीवन नाथ वर्मा एवं वरिष्ठ रंगकर्मी व दशहरा महोत्सव समिति के संरक्षक दीप लाल साह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। शुभारंभ श्रीराम स्तुति से हुआ, तत्पश्चात भजन संध्या का आयोजन किया गया, जिसकी प्रस्तुति विहान सांस्कृतिक कला द्वारा दी गई।
लीला प्रारंभ होने से पूर्व छोटे-छोटे बच्चों द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। इसमें सरस्वती की भूमिका जीविका ने निभाई जबकि हर्षिता पांडे, अंजलि थापा, कनिष्का पांडे, सृष्टि उप्रेती और कोमल कांडपाल ने अभिनय किया।
इस अवसर पर कमेटी अध्यक्ष व लाला बाजार वार्ड पार्षद कुलदीप सिंह मेर, निर्देशक मोहन जोशी व राजकुमार बिष्ट ने अतिथियों को राम प्रसादी भेंट स्वरूप प्रदान की। संचालन कमेटी सचिव एवं नंदादेवी वार्ड पार्षद अर्जुन सिंह बिष्ट ने किया।
साज पर सहयोग : हारमोनियम – मोहन जोशी, तबला – शेखर सिजवाली।
प्रमुख पात्र अभिनय :
रावण – हरि विनोद साह
देवगण – राजेंद्र रौतेला, द्रोण नेगी, अविरल जोशी, दया कृष्ण परगाई, संदेश नेगी
ब्रह्मा – हिमांशु परगाई
रावण दूत – प्रकाश जोशी
मुनि – सिद्धार्थ साह
दशरथ – द्रोण नेगी
जनक – अविरल जोशी
बाल राम – तविषा साह
बालिका सीता – कनिष्का पांडे
मेकअप : दानिश व राजू शर्मा।
मंच पूजन : नंदादेवी मंदिर के मुख्य पुजारी तारा दत्त जोशी।
सोशल मीडिया प्रसारण : नमन बिष्ट।
इस अवसर पर नंदादेवी मंदिर कमेटी अध्यक्ष मनोज वर्मा, उपाध्यक्ष व महानगर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष तारा चंद्र जोशी, संयोजक प्रकाश पांडे, अनिल सनवाल, हरीश बिष्ट, अतुल वर्मा, संदीप साह, दीपक वर्मा, महेंद्र बिष्ट, राजकुमार बिष्ट, राजेश पलनी, जगदीश बिष्ट, गणेश मेर, अमरनाथ सिंह नेगी, कविश अरोरा, धनंजय साह, अमित उप्रेती, चंद्रमोहन परगाई, संजय साह, परितोष जोशी, जगदीश भंडारी, शशि मोहन पांडे, लोकेश तिवारी, गोलू भट्ट, आयुष वर्मा, चित्रांक साह, मानवेंद्र साह, वरुण साह, सुमित साह, परीक्षित साह, गिरीश परगाई समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु एवं गणमान्य लोग उपस्थित रहे।





