
अल्मोड़ा। क्वारब मोटर मार्ग के स्थायी स्थिरीकरण की मांग को लेकर क्वारब सुधारीकरण संघर्ष समिति ने शुक्रवार को जिलाधिकारी अल्मोड़ा के माध्यम से केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री एवं उत्तराखंड की राज्यपाल को ज्ञापन भेजा।
समिति ने ज्ञापन में कहा है कि कुमाऊँ के तीन जिलों—अल्मोड़ा, बागेश्वर और पिथौरागढ़—को तराई-भाभर क्षेत्र से जोड़ने वाला यह मोटर मार्ग अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके सुधारीकरण का कार्य पिछले एक वर्ष से उत्तराखंड सरकार द्वारा पारंपरिक तकनीक से कराया जा रहा है, लेकिन यह तकनीक पूरी तरह असफल साबित हो रही है। करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद न तो ऊपर की पहाड़ी का दरकना थमा है और न ही नीचे बनी दीवार टिक सकी है, जिसमें दरारें पड़ चुकी हैं।
समिति ने स्पष्ट किया कि अतीत में भी जब-जब पारंपरिक तरीके से इस मार्ग का सुधारीकरण किया गया, वह असफल रहा। क्वारब की पहाड़ी ने पारंपरिक तकनीक को कभी स्वीकार नहीं किया। इसलिए आवश्यक है कि विश्व स्तरीय निविदा प्रक्रिया अपनाकर सबसे आधुनिक और उच्च तकनीक से इस मार्ग का स्थायी स्थिरीकरण किया जाए।
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि इस मार्ग के क्षतिग्रस्त होने से क्षेत्र के व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान हुआ है। होटल व्यवसाय मंदी की चपेट में आ गया है। भारी वाहनों की आवाजाही बंद होने से राशन-पानी व भवन निर्माण सामग्री के दाम कई गुना बढ़ गए हैं। आम नौकरीपेशा परिवारों से लेकर बीमार मरीजों तक सभी गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं।
ज्ञापन सौंपने वालों में समिति संयोजक विनय किरौला, पी.सी. तिवारी (UPP), दिनेश जोशी/गिरीश नाथ गोस्वामी (UKD), मनोहर सिंह नेगी, राष्ट्रनीति संगठन के एडवोकेट विनोद चंद्र तिवारी, सी.एस. बनकोटी, दीपा जोशी, पान सिंह, मनीष कांडपाल, मो. शाकिब, मोहित शाह, अलका पंत, दीवान सिंह बिष्ट सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।





