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Khabar Satyvartaa > उत्तराखण्ड > अल्मोड़ा > Literature Festival अल्मोड़ा लिटरेचर फेस्टिवल: एक नई सांस्कृतिक धारा
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Literature Festival अल्मोड़ा लिटरेचर फेस्टिवल: एक नई सांस्कृतिक धारा

कपिल मल्होत्रा
Last updated: October 17, 2024 5:43 pm
कपिल मल्होत्रा
1 year ago
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अल्मोड़ा के मल्ला महल में आयोजित लिटरेचर फेस्टिवल महोत्सव का दूसरा संस्करण सांस्कृतिक गतिविधियों का एक बड़ा मंच प्रस्तुत कर रहा है। इस महोत्सव का आयोजन ग्रीन हिल ट्रस्ट की सचिव डॉ. वसुधा पंत, भूपेंद्र सिंह वाल्दिया, मनमोहन चौधरी, जयमित्र बिष्ट, एड विनायक पंत, दीपा गुप्ता, प्रो. हामिद, मनोज गुप्ता जैसे दिग्गजों द्वारा किया गया है। इस बार का महोत्सव तीन दिनों तक चलेगा और इसमें कई क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होंगे, जो साहित्य, कला, और सामाजिक मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे।



उद्घाटन समारोह

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फेस्टिवल का उद्घाटन केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा, स्थानीय विधायक मनोज तिवारी, बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष कैलाश शर्मा, नगर पालिका के निर्वतमान अध्यक्ष प्रकाश जोशी जैसे गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में हुआ। इन dignitaries ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की। इस उद्घाटन समारोह में विभिन्न लोक कलाकारों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया, जिसने माहौल को और भी जीवंत बना दिया।

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सांस्कृतिक विविधता

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फेस्टिवल में लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए गए कार्यक्रमों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस महोत्सव का उद्देश्य न केवल साहित्य को बढ़ावा देना है, बल्कि स्थानीय कला और संस्कृति को भी प्रोत्साहित करना है। इस वर्ष, कई जाने-माने साहित्यकार, विधिक विशेषज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता, और राजनेता भी इस आयोजन में भाग लेंगे। हर दिन विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श होगा, जिससे प्रतिभागियों को विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर मिलेगा।



विविध विषयों पर चर्चा



फेस्टिवल के पहले दिन विभिन्न विषयों पर सकारात्मक परिचर्चाओं का आयोजन किया गया। साहित्य और कला के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने के लिए कई सत्र रखे गए, जहां प्रतिभागियों ने अपने विचार साझा किए। यह चर्चा न केवल साहित्यिक विकास को समझने का एक माध्यम था, बल्कि यह लोगों को समाजिक मुद्दों के प्रति जागरूक करने का भी एक अवसर था।



स्थानीय उत्पादों का प्रचार



महोत्सव में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कई स्टॉल भी लगाए गए हैं। यहां पर पहाड़ी उत्पादों, स्थानीय हस्तशिल्प, और किताबों की प्रदर्शनी आयोजित की गई है। यह पहल न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में मदद करेगी, बल्कि पहाड़ी संस्कृति और परंपराओं को भी संरक्षित रखने का काम करेगी।



आयोजन की तैयारी



इस महोत्सव के संचालन में प्रमुख भूमिका निभा रहे मनमोहन चौधरी, मीडिया प्रभारी विनोद तिवारी, नीरज सिंह पांगती, मीता उपाध्याय, और अन्य ने आयोजन को सफल बनाने के लिए कई प्रयास किए हैं। व्यापार मंडल जिला अध्यक्ष सुशील शाह, दीपा गुप्ता, विपुल कार्की, राजीव गुरुरानी, दर्शन रावत, हर्ष कफर जैसे कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों की भी सक्रिय भागीदारी रही है।

अल्मोड़ा लिटरेचर फेस्टिवल का यह संस्करण साहित्य, कला और संस्कृति के क्षेत्र में एक नई दिशा दिखाता है। यह आयोजन न केवल स्थानीय प्रतिभाओं को एक मंच प्रदान कर रहा है, बल्कि इससे उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को भी वैश्विक स्तर पर पहचान मिल रही है। आने वाले दिनों में यह फेस्टिवल और भी रंगीन और विविधताओं से भरा होगा, जिसमें साहित्य प्रेमियों के लिए अनगिनत अवसर मौजूद होंगे।

इस प्रकार, अल्मोड़ा लिटरेचर फेस्टिवल न केवल ज्ञान और साहित्य के आदान-प्रदान का स्थल है, बल्कि यह पहाड़ी संस्कृति को भी एक नया जीवन दे रहा है। ऐसे आयोजनों की आवश्यकता है ताकि हम अपनी संस्कृति को संरक्षित रख सकें और नई पीढ़ी को इससे जोड़ सकें।

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