


सांस्कृतिक शोभा यात्रा और पारंपरिक झांकियों ने खींचा लोगों का ध्यान
अल्मोड़ा। देवभूमि की आस्था, संस्कृति और लोक परंपरा का प्रतीक “जय गोल्ज्यू महोत्सव 2025” गुरुवार को बड़े ही धूमधाम और श्रद्धाभाव के साथ आरंभ हुआ। महोत्सव का शुभारंभ ड्योलीपोखार से भव्य सांस्कृतिक शोभा यात्रा के साथ हुआ, जो नगर के मुख्य बाजारों से होते हुए ऐतिहासिक मल्ला महल तक पहुंची। यहां विधिवत दीप प्रज्वलन कर महोत्सव का शुभारंभ किया गया।
शोभा यात्रा में सजे-धजे रथ, पारंपरिक वाद्ययंत्रों की मधुर धुनें, छोलिया नर्तकों की वीर मुद्रा और गोल्ज्यू देव के जयकारों से पूरा नगर भक्तिमय माहौल में डूब गया। छोटे-छोटे बच्चे गोल्ज्यू देव के रूप में सजे हुए नजर आए, जिन्होंने अपनी मनमोहक झांकियों से सभी का मन मोह लिया। वहीं, कुमाऊनी संस्कृति की झलक पेश करते हुए स्थानीय महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में भाग लिया और लोक गीतों की स्वर लहरियों से वातावरण को भावनात्मक बना दिया।
कार्यक्रम में व्यापार मंडल अल्मोड़ा के जिला अध्यक्ष सुशील साह और जिला सचिव भैरव गोस्वामी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर पार्षद वैभव पाण्डेय, नवीन प्रसाद, गुंजन चम्याल, दीपक कुमार, अंजू बिष्ट, व्यापार मंडल के नगर अध्यक्ष अजय वर्मा, वरिष्ठ रंगकर्मी मन मोहन चौधरी और बृजमोहन जोशी सहित अनेक गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।
महोत्सव समिति की ओर से उमेश सिंह बिष्ट, प्रकाश बिष्ट, तारा जोशी, पंकज भगत, अखिलेश थापा, हरीश कनवाल, हरीश सतवाल, गिरीश जोशी, अमरनाथ नेगी, पान सिंह, नरेंद्र प्रसाद, लोक मन अधिकारी, ललित बिष्ट, अमर बोरा, दीप बिष्ट, नवीन चंद्र आर्य, मनोज कनवाल, महिपाल मेहता, गणेश, दिव्या जोशी, मयंक रौतेला, शुभम रौतेला आदि सक्रिय रूप से मौजूद रहे और कार्यक्रम की व्यवस्था में सहयोग दिया।
मंच संचालन का दायित्व भावना मल्होत्रा ने बखूबी निभाया। उन्होंने पूरे आयोजन को संयोजित रूप से आगे बढ़ाते हुए अतिथियों का स्वागत और प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया।
कार्यक्रम के दौरान स्थानीय कलाकारों ने गोल्ज्यू देव की महिमा पर आधारित गीत और नृत्य प्रस्तुत किए। छोलिया नृत्य की धमक पर उपस्थित जनसमूह झूम उठा। लोकगीतों और पारंपरिक संगीत की गूंज से पूरा मल्ला महल परिसर जीवंत हो उठा।
महोत्सव समिति के सदस्यों ने बताया कि आने वाले दिनों में भी कई सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन होंगे जिनमें स्थानीय कलाकारों के साथ-साथ विभिन्न जनपदों के कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। जय गोल्ज्यू महोत्सव न केवल श्रद्धा का पर्व है बल्कि यह कुमाऊं की सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत रखने का माध्यम भी है।
भक्तों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों की बड़ी संख्या में उपस्थिति से नगर का माहौल पूरी तरह धार्मिक और उत्सवमय बना रहा। महोत्सव के पहले दिन ही लोगों में गोल्ज्यू देव के प्रति गहरी आस्था और समर्पण की भावना देखने को मिली।





