
अल्मोड़ा।
अंतर्राष्ट्रीय सप्त ऋषि अखाड़ा परिषद के तत्वाधान में हवालबाग विकासखंड के बिमौला गांव स्थित कौशिकी नदी के तट पर बने श्री मां तुंगेश्वरी माता तीर्थ धाम में रविवार को भव्य धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रातःकाल पूजा-अर्चना, सुंदरकांड हवन और भजन-कीर्तन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसके उपरांत एक विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण तुंगेश्वरी तीर्थ धाम के संत महापुरुष भगत जी महाराज का अभिनंदन रहा। हाल ही में 28 अगस्त को वृंदावन में विभिन्न राज्यों से पहुंचे संतों की उपस्थिति में उन्हें “श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर” की पदवी और उपाधि से विभूषित किया गया। इसी क्रम में आज तीर्थ धाम में क्षेत्रवासियों व भक्तजनों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
सुबह आठ बजे से शुरू हुए पूजन, हवन और सुंदरकांड पाठ में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। भजन-कीर्तन की मधुर प्रस्तुतियों ने धार्मिक माहौल को भक्तिमय बना दिया। देर दोपहर तक संतों के प्रवचन चले, जिनमें धर्म, भक्ति और समाज सेवा के महत्व पर विचार व्यक्त किए गए। इसके बाद भक्तों को भंडारे का प्रसाद वितरित किया गया।
भजन-कीर्तन और भंडारे में स्थानीय ग्रामवासियों, अल्मोड़ा नगर क्षेत्रवासियों के साथ ही बाहरी इलाकों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। सुबह से ही श्रद्धालुओं का तीर्थ धाम में आगमन शुरू हो गया था, जिससे पूरा परिसर भक्तिमय वातावरण में डूब गया।
आयोजित कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय सप्त ऋषि अखाड़ा परिवार के ऋषिवर कैलाशानंद महाराज, वरिष्ठ महामंडलेश्वर व अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता ऋषिवर कृष्णचन्द्र काण्डपाल, अखाड़े के धर्माचार्य आचार्य लोकेश महाराज, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्व विधायक कैलाश शर्मा, नवीन जोशी, लाल सिंह लटवाल, उमेद सिंह कनवाल, आचार्य नवीन चंद्र पंत सहित अनेक जनप्रतिनिधि और श्रद्धालु उपस्थित रहे।
संत भगत जी महाराज का महामंडलेश्वर पद पर अलंकृत होना क्षेत्र के लिए गौरव का विषय माना जा रहा है। श्रद्धालुओं ने इसे धर्म और समाज की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया।





