
राष्ट्रीय कुमाऊनी सम्मेलन रुद्रपुर में होगा सम्मानित
अल्मोड़ा। कुमाऊनी लोक संस्कृति के प्रख्यात लोकगायक एवं रंगकर्मी गोपाल सिंह चम्याल को कुमाऊनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति, कसारदेवी (अल्मोड़ा) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कुमाऊनी सम्मेलन में प्रतिष्ठित ‘वैध कल्याण सिंह बिष्ट कुमाऊनी संस्कृति सेवी सम्मान 2025’ से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मेलन 7, 8 एवं 9 नवंबर 2025 को रुद्रपुर में आयोजित होने जा रहा है।
लोकसंस्कृति के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए प्रसिद्ध श्री गोपाल सिंह चम्याल का यह सम्मान उनकी दीर्घ सांस्कृतिक साधना एवं निष्ठा का प्रतीक माना जा रहा है।
विदित हो कि चम्याल को वर्ष 2013 में उत्तराखंड संस्कृति विभाग से ‘ए ग्रेड लोकगायक’ का दर्जा प्राप्त हुआ था। इसके साथ ही वर्ष 2018 में संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उन्हें फैलोशिप अवार्ड प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त नेहरू युवा केंद्र संगठन, भारत सरकार द्वारा उत्कृष्ट युवा पुरस्कार से भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका है।
चम्याल ने भातखंडे संगीत महाविद्यालय, अल्मोड़ा से लोकनृत्य में सीनियर डिप्लोमा प्राप्त किया है। वे आकाशवाणी के बी हाई ग्रेड कलाकार हैं तथा वर्तमान में आकाशवाणी के क्षेत्रीय कार्यक्रमों में कैजुअल कंपेयरिंग का कार्य करते हैं।
मूल रूप से ग्रामसभा तल्ली चामी, विकासखंड धौलादेवी, तहसील भनोली, जिला अल्मोड़ा के निवासी गोपाल सिंह चम्याल वर्तमान में अल्मोड़ा नगर में निवास करते हैं। उनके लोकगीतों का नियमित प्रसारण दूरदर्शन, आकाशवाणी एवं कुमाऊं वाणी से होता रहता है।
पिछले 25 वर्षों से लोक संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में सक्रिय चम्याल लोक कलाकारों के हितों के लिए निरंतर संघर्षरत हैं। बचपन से ही उन्हें लोक संगीत और नृत्य का गहरा लगाव रहा है। वे अपनी इस सफलता का श्रेय अपनी माता स्व. सरस्वती चम्याल, पिता स्व. पान सिंह चम्याल एवं गुरु राजेंद्र नयाल को देते हैं।
वर्तमान में वे देवभूमि मां शारदे लोक कला समिति, अल्मोड़ा के निदेशक तथा लोक कलाकार महासंघ के अध्यक्ष हैं।
चम्याल के इस सम्मान की घोषणा के बाद उनके शुभचिंतकों एवं सांस्कृतिक जगत से जुड़े लोगों ने हर्ष व्यक्त किया है।
सम्मान समारोह का आयोजन 7 नवंबर 2025 को रुद्रपुर में किया जाएगा।



