
अल्मोड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना की 21वीं किस्त जारी किए जाने के अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा में सोमवार को एक भव्य एवं विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अल्मोड़ा नगर निगम के महापौर अजय वर्मा शामिल हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत परिषद गीत से हुई। इसके बाद आयोजित कृषक गोष्ठी में संस्थान के वैज्ञानिकों ने रबी फसलों एवं सब्जियों के उन्नत उत्पादन तकनीकों, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, जैविक खेती, जल संरक्षण तकनीक एवं कृषि यंत्रीकरण पर विस्तृत जानकारी दी। इसके पश्चात संस्थान में मौजूद कृषकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोयम्बटूर, तमिलनाडु स्थित कोडिशिया ट्रेड फेयर कॉम्प्लेक्स से देश के 9.75 करोड़ किसानों को लगभग 18,000 करोड़ रुपये की PM-KISAN किस्त हस्तांतरित किए जाने वाले ऐतिहासिक कार्यक्रम का लाइव प्रसारण देखा।
संस्थान के निदेशक डॉ. लक्ष्मी कान्त ने सभी अतिथियों एवं कृषकों का स्वागत करते हुए PM-KISAN योजना के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह योजना किसानों को आर्थिक मजबूत आधार प्रदान कर रही है और संस्थान द्वारा उपलब्ध कराई जा रही तकनीकी सहायता, नवाचार एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम किसानों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
मुख्य अतिथि अजय वर्मा ने संस्थान की सराहना करते हुए कहा कि यह पर्वतीय क्षेत्रों के किसानों के लिए एक मजबूत स्तंभ बनकर कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना ने करोड़ों अन्नदाताओं को आर्थिक संबल प्रदान किया है, जिससे किसान बीज, उर्वरक, सिंचाई एवं अन्य कृषि निवेश की व्यवस्था बिना किसी सहायता के स्वयं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि “किसान समृद्ध होगा तो देश समृद्ध होगा”—यह भावना प्रधानमंत्री के कार्यों में स्पष्ट दिखाई देती है।
अजय वर्मा ने आगे कहा कि यह योजना अंतिम छोर के किसानों तक आर्थिक लाभ पहुंचाने में मील का पत्थर साबित हो रही है। संस्थान द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में किए जा रहे शोध और तकनीकी हस्तांतरण को भी उन्होंने स्थायी कृषि विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया।
कार्यक्रम में 330 किसान (137 महिलाएं तथा 193 पुरुष) उत्साहपूर्वक शामिल हुए। किसानों ने प्रधानमंत्री के संबोधन को ध्यानपूर्वक सुना और भविष्य में मिलने वाली किस्तों को लेकर आशान्वित नजर आए।
कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. कामिनी बिष्ट ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. कुशाग्रा जोशी द्वारा प्रस्तुत किया गया।





