
अल्मोड़ा। नगर क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से बाघ के बढ़ते आतंक ने स्थानीय निवासियों की चिंता बढ़ा दी है। लगातार मिल रही वन्यजीव हमलों और बाघ की आवाजाही की सूचनाओं के बाद पार्षद आशा बिष्ट ने सोमवार को वन विभाग की टीम के साथ प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया।
इस दौरान पार्षद आशा बिष्ट ने कहा कि क्षेत्र के लोग दहशत में हैं और शाम होते ही घरों से बाहर निकलने में डर महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाघ द्वारा पालतू पशुओं को मारने की घटनाओं में इजाफा हो रहा है, जिसके चलते ग्रामीणों और शहरी क्षेत्रों से लगते मोहल्लों की सुरक्षा आवश्यक हो गई है। उन्होंने वन विभाग से तत्काल गश्त बढ़ाने और पिंजरा लगाकर बाघ को सुरक्षित पकड़ने की मांग की।
निरीक्षण के दौरान वन विभाग के एसएस नेगी, वन दरोगा अमित सिंह भैसोड़ा और मनोज जोशी (क्यूआरटी श्रमिक) भी मौजूद रहे। अधिकारियों ने बाघ की गतिविधियों को ट्रैक करने के लिए क्षेत्र में कैमरा ट्रैप लगाने की जानकारी दी। साथ ही स्थानीय लोगों को सतर्क रहने, रात में अकेले न जाने और बच्चों व पशुओं को सुरक्षित स्थान पर रखने की अपील की गई।
पार्षद बिष्ट ने कहा कि बार-बार चेतावनी और शिकायतों के बावजूद यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए तो बड़ी घटना होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि वह इस मुद्दे को नगर निगम और जिला प्रशासन के समक्ष भी मजबूती से रखेंगी, ताकि शीघ्र ठोस कार्रवाई हो सके।
स्थानीय निवासियों ने भी वन विभाग के अधिकारियों के समक्ष अपनी समस्या रखी और सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की मांग की। लोगों ने बताया कि कई बार बाघ को आबादी के आसपास घूमते देखा गया है, लेकिन पकड़ने के प्रभावी उपाय नहीं किए जा रहे।
वन विभाग ने आश्वासन दिया कि टीम सतत निगरानी में है और किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने सभी नागरिकों से सहयोग बनाए रखने और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत सूचना देने का आग्रह किया।
पार्षद आशा बिष्ट ने कहा कि जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है और जब तक क्षेत्र को इस खतरे से पूरी तरह मुक्त नहीं कर दिया जाता, प्रयास जारी रहेंगे। उन्होंने वन विभाग को लगातार गश्त और त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए तथा कहा कि उन्हें उम्मीद है कि विभाग जल्द ही स्थिति पर नियंत्रण पा लेगा।




