
अल्मोड़ा। राष्ट्रीय जूट बोर्ड (एन.जे.बी.), वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से लोक चेतना विकास समिति, अल्मोड़ा द्वारा आयोजित 10 दिवसीय ऊनी जूट प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन शुक्रवार को चितई में हुआ। कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं एवं युवाओं को आत्मनिर्भर बनाते हुए उन्हें ऊनी जूट से हस्तशिल्प निर्माण का प्रशिक्षण प्रदान करना था।
समापन समारोह में ग्राम प्रधान तिवारी चितई, गिरीश पंत (डी.डी.एम., नाबार्ड) तथा डॉ. ए. के. साहनी (वरिष्ठ वैज्ञानिक, राष्ट्रीय पर्यावरण संस्थान, कोसी, अल्मोड़ा) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। अतिथियों ने प्रशिक्षणार्थियों के उत्साह और उनके द्वारा निर्मित आकर्षक उत्पादों की सराहना की।
कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को जूट और ऊन के संयोजन से बैग, चटाई, सजावटी सामग्री तथा उपयोगी वस्तुएं तैयार करने का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षक दल ने बताया कि ऊनी जूट उत्पाद न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं, बल्कि बाजार में इनकी मांग लगातार बढ़ रही है, जिससे ग्रामीण स्तर पर रोजगार की अपार संभावनाएं हैं।
समिति के संस्थापक सचिव आर. एस. बिष्ट ने सभी प्रतिभागियों, अतिथियों और सहयोगी संस्थाओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण ग्रामीण विकास और स्वरोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे। उन्होंने बताया कि भविष्य में समिति इसी तरह के और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसरों से जोड़ने का कार्य जारी रखेगी।
अंत में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षणार्थियों द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसे आगंतुकों ने खूब सराहा। समापन अवसर पर ग्रामीण महिलाओं की उत्साही भागीदारी देखने को मिली।





