
अल्मोड़ा। भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राजीव गुरुरानी ने कांग्रेस विधायक मनोज तिवारी पर लगातार विरोध की राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि विधायक तिवारी अपनी घटती राजनीतिक जमीन बचाने के लिए विरोध का सहारा ले रहे हैं और जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
गुरुरानी ने हाल ही में संपन्न हुए पंचायत चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। जिला पंचायत की पाँच सीटों में से केवल एक सीट कांग्रेस को मिली, ब्लॉक प्रमुख चुनाव में उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा और नगर पंचायत चुनावों में कांग्रेस चारों खाने चित हो गई।
उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक तिवारी ने डोबा-चौसली मोटर मार्ग के निर्माण कार्य का विरोध करते हुए लोक निर्माण विभाग में धरना दिया। यदि ऐसा न किया गया होता तो यह मार्ग अब तक बनकर तैयार हो चुका होता और जनता व व्यापारियों को भारी नुकसान नहीं उठाना पड़ता। गुरुरानी ने कहा कि जब नेता प्रतिपक्ष आपदा और राहत कार्यों के मानकों में बदलाव की मांग कर रहे थे, उस समय विधायक तिवारी आपदा में लाभ-हानि की राजनीति कर सड़क निर्माण रुकवाने में लगे रहे।
भाजपा नेता ने कहा कि विरोध की राजनीति करना विधायक तिवारी की आदत बन चुकी है। वर्ष 2012 में भी उन्होंने अपनी ही सरकार के खिलाफ चौघानपाटा में तंबू गाड़कर धरना दिया था, जिसके बाद तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री को हेलीकॉप्टर से आकर वार्ता करनी पड़ी और एक माह में ही उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा मिल गया। इसी तरह 2014 में हरीश रावत सरकार के दौरान करोड़ों रुपये की सड़कों के निर्माण में मानकों की अनदेखी कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लाभ पहुँचाया गया, उस समय विधायक तिवारी चुप्पी साधे रहे।
गुरुरानी ने आरोप लगाया कि आज विधायक व्यापार मंडल के पदाधिकारियों को भड़का कर भाजपा सरकार के खिलाफ माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन जनता सब जानती है और समय आने पर उन्हें करारा जवाब देगी।





