
अल्मोड़ा। प्रतिष्ठित “तीलू रौतेली पुरस्कार” से सम्मानित समाजसेवी मीता उपाध्याय के गृह क्षेत्र अल्मोड़ा आगमन पर महिलाओं ने उनका भव्य स्वागत किया। यह सम्मान मिलने के बाद पहली बार उनके अपने नगर लौटने पर महिला समाज ने बड़ी संख्या में एकत्र होकर उनके योगदान की सराहना की और उन पर फूल बरसाकर गर्मजोशी से अभिनंदन किया।
मीता उपाध्याय को हाल ही में उत्तराखंड सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण, समाजसेवा और नारी उत्थान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए “तीलू रौतेली पुरस्कार” से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार राज्य का सबसे बड़ा महिला सम्मान माना जाता है। अल्मोड़ा आगमन पर महिलाओं ने उनके प्रति गर्व और आत्मीयता व्यक्त करते हुए कहा कि मीता उपाध्याय ने जिले और क्षेत्र का नाम रोशन किया है।
स्वागत समारोह में उपस्थित महिलाओं ने कहा कि मीता उपाध्याय का समाजसेवा का कार्य विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं और वंचित वर्ग के लिए प्रेरणादायी रहा है। उनके प्रयासों से महिला समूहों को आत्मनिर्भर बनाने, शिक्षा को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण योगदान मिला है।
स्वागत कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित रहीं। इनमें प्रमुख रूप से मन्जू जोशी, प्रभा बोरा, हेसा पाण्डे, कुसुम जोशी, कंचन जोशी, दीपा जोशी, मुन्नी जोशी, इन्दू परिहार, मीरा बोरा, ममता मिश्रा, हेमा जोशी, सीमा चौधरी, पूजा जोशी, सीमा जोशी, दीपा पाण्डे, कविता जीना, तारा लोहनी, जया जोशी, मीनाक्षी भाकुनी, अनुपमा पन्त, विमला जोशी, तनुत्ला जोशी, सावित्री बिष्ट, हेमा पाण्डे, जीवन्तो उपाध्याय, भावना तिवारी, ममता पन्त, दीपा जोशी, राधा जोशी, रीता पन्त और ममता बोरा शामिल रहीं।
महिलाओं ने ढोल-नगाड़ों के साथ जुलूस की शक्ल में मीता उपाध्याय का स्वागत किया और उन्हें पारंपरिक परिधानों और मालाओं से सम्मानित किया। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि उपाध्याय का यह सम्मान समूचे अल्मोड़ा और कुमाऊं की महिलाओं के लिए प्रेरणा है।
कार्यक्रम के अंत में मीता उपाध्याय ने सभी का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह सम्मान केवल उनका नहीं बल्कि समूचे अल्मोड़ा और यहां की महिलाओं की मेहनत और संघर्ष का प्रतीक है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि भविष्य में भी वे समाजहित के कार्यों में पूरी निष्ठा के साथ जुड़ी रहेंगी।




