
प्रधानाचार्य सीधी भर्ती निरस्त करने, पदोन्नति एवं स्थानांतरण की मांग
अल्मोड़ा। शिक्षक दिवस के अवसर पर सोमवार को शिक्षकों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर जिला मुख्यालय में मौन जुलूस निकाल सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया। यह जुलूस राजकीय शिक्षक संघ के बैनर तले चौघानपाटा स्थित गांधी पार्क से शुरू हुआ। शिक्षकों का यह शांतिपूर्ण जुलूस मिलन चौक और मुख्य बाजार से होते हुए पुनः चौघानपाटा पहुंचकर संपन्न हुआ।
शिक्षकों ने इस अवसर पर प्रधानाचार्य पद पर सीधी भर्ती निरस्त करने, योग्य शिक्षकों की पदोन्नतियां शीघ्र किए जाने तथा लंबित स्थानांतरण आदेशों को प्रभावी ढंग से लागू करने की मांग उठाई। उनका कहना था कि शिक्षा विभाग में लंबे समय से पदोन्नति और स्थानांतरण जैसी प्रक्रियाएं अटकी हुई हैं। इससे न केवल शिक्षकों में असंतोष व्याप्त है बल्कि विद्यालयों की शैक्षिक व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है।
संघ से जुड़े वक्ताओं ने सरकार पर संवेदनहीन होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि शिक्षक विगत माह से लगातार अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। इसके बावजूद न तो सरकार और न ही विभाग के अधिकारियों द्वारा अब तक शिक्षकों से संवाद की कोई पहल की गई है। इस रवैये से शिक्षकों में गहरी नाराज़गी पनप रही है। शिक्षकों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर जल्द विचार नहीं किया गया तो आंदोलन को और उग्र रूप दिया जाएगा।
जुलूस में बड़ी संख्या में शिक्षक शामिल रहे। इस दौरान शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर सरकार के प्रति अपनी नाराजगी प्रकट की। पूरे मार्ग में शिक्षक मौन रहकर अनुशासन के साथ आगे बढ़े और अपने-अपने हाथों में तख्तियां थामे हुए थे। इन तख्तियों पर “सीधी भर्ती बंद करो”, “पदोन्नति जल्द करो”, “स्थानांतरण आदेश लागू करो” जैसे नारे लिखे थे।
इस मौके पर जिलाध्यक्ष भूपाल सिंह चिलवाल, जिला मंत्री राजू महरा, मदन भंडारी, मीनाक्षी जोशी, राधा लस्पाल, लता वर्मा, कैलाश सिंह डोलिया, हीरा सिंह बोरा, धर्मवीर सिंह, विनोद पपनै, शिवराज बिष्ट, भारत भूषण जोशी, गोविंद रावत, खुशहाल महर, नितेश कांडपाल, ललित तिवारी, विरेंद्र सिजवाली, हरिवंश बिष्ट, किशन खोलिया, त्रिवेन्द्र सिंह, बृजेश डसीला, भोला दत्त पंत, ललित मोहन तिवारी, दीप चंद्र पांडे, दीपप्रकाश जोशी, जीवन लाल साह, मेघा मनराल, गौरव डालाकोटी, प्रमोद चंद्र, हीरा डोबाल, नरेश पांडे, पीसी जोशी, मनोज बिष्ट, मनीष कुमार, अनुराधा जनौटी, ज्योति पांडे, बीना तिवारी, मोनिका वर्मा, रेखा जोशी, शुभलक्ष्मी पंत, केसर सिंह, राजेंद्र खड़ायत, हुकम सिंह, रेनू टम्टा, दीपा उप्रेती, इन्द्रा अल्मिया सहित सैकड़ों शिक्षक मौजूद रहे।
शिक्षकों का कहना था कि सरकार यदि वास्तव में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना चाहती है तो उसे सबसे पहले शिक्षकों की जायज मांगों पर विचार करना चाहिए। क्योंकि बिना शिक्षक संतुष्ट हुए शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता की कल्पना नहीं की जा सकती।





