
विधानसभा अध्यक्ष से वार्ता विफल, सीएम के आग्रह के बाद भी विपक्ष नहीं झुका
गैरसैंण, उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र का पहला दिन भारी हंगामे और राजनीतिक तनाव के बीच बीता। विपक्षी कांग्रेस विधायकों ने दिनभर के विरोध प्रदर्शन के बाद सदन के भीतर ही रात गुजारी। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य समेत सभी कांग्रेस विधायक कंबल ओढ़े हुए सदन के फर्श पर बैठे और लेटे नजर आए।
मंगलवार शाम विपक्ष और विधानसभा अध्यक्ष के बीच वार्ता की कोशिश हुई, लेकिन यह प्रयास विफल रहा। इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं विपक्ष के नेताओं से फोन पर बातचीत कर धरना समाप्त करने का अनुरोध किया, मगर विपक्ष तीन प्रमुख मांगों—जिलाधिकारी (डीएम) के ट्रांसफर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) के निलंबन और दर्ज मुकदमों की वापसी—को लेकर अड़ा रहा।
रात होते-होते विपक्ष के तेवर और तीखे हो गए। उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने देर रात सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर सदन के भीतर की स्थिति दिखाई। उन्होंने कहा, “सदन में किसी भी तरह की तोड़फोड़ नहीं हुई है, यह सब महज अफवाह है। भाजपा सरकार मुद्दे को भटकाने का प्रयास कर रही है। हम लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांगों को लेकर डटे हैं।”
वहीं, खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने भी अपने फेसबुक पेज पर सदन के भीतर का एक वीडियो साझा किया, जिसमें विपक्षी विधायक फर्श पर कंबल ओढ़कर लेटे हुए दिखाई दे रहे हैं।
विपक्ष के इस कदम ने राज्य की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। कांग्रेस विधायकों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लेती, तब तक उनका धरना जारी रहेगा।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बुधवार को विधानसभा में क्या रुख देखने को मिलता है और क्या सरकार विपक्ष की मांगों के आगे झुकती है या टकराव और बढ़ेगा।




