
अल्मोड़ा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखण्ड के तत्वावधान में गुरुवार, 09 अक्टूबर 2025 को जनपदीय विज्ञान संगोष्ठी का आयोजन आर्य कन्या इंटर कॉलेज, अल्मोड़ा में किया गया। संगोष्ठी का मुख्य विषय था — “क्वांटम युग का आरंभ: संभावनाएं और चुनौतियां”। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानाचार्या दीप्ति शाही एवं अतिथियों की उपस्थिति में हुआ।
मुख्य शिक्षा अधिकारी अत्रेश सयाना ने संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए कहा कि आज का युग विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का युग है। ऐसे कार्यक्रम छात्रों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने और विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने “क्वांटम युग” की अवधारणा को विस्तार से समझाते हुए बताया कि यह वह समय है जब मानव सभ्यता क्वांटम भौतिकी के सिद्धांतों के उपयोग से कंप्यूटिंग, संचार और ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रही है।
प्राचार्य ललित मोहन पांडे, डायट अल्मोड़ा ने अपने संबोधन में कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में जिज्ञासा और अनुसंधान की भावना छात्रों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकती है। उन्होंने बताया कि क्वांटम यांत्रिकी की नींव 1900 में मैक्स प्लैंक के कार्यों से रखी गई थी, जिसे आगे नील्स बोहर, वर्नर हाइजेनबर्ग और श्रोडिंगर ने विकसित किया।
जिला समन्वयक विज्ञान विनोद कुमार राठौर ने संगोष्ठी के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जिला स्तर पर प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त प्रतिभागी आगामी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में 13 अक्टूबर को पिथौरागढ़ में अल्मोड़ा का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस प्रतियोगिता में विकासखंड स्तर पर चयनित कुल 17 प्रतिभागियों ने भाग लिया। निर्णायक मंडल में अशोक रावत, डॉ. दीप जोशी एवं पंकज जोशी शामिल रहे।
कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों के मार्गदर्शक शिक्षक-शिक्षिकाओं में प्रदीप सिंह बिष्ट, नीरज जोशी, दीप पांडे, धीरज कुमार, विनय शाह, ललिता गैड़ा, संगीता रौतेला आदि उपस्थित रहे।
संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन डॉ. भुवन पांडे, जिला संदर्भ व्यक्ति (विज्ञान) एवं प्रवक्ता, डायट अल्मोड़ा तथा विनोद कुमार राठौर, जिला विज्ञान समन्वयक द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम उत्साह और वैज्ञानिक जिज्ञासा के वातावरण में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।



