
गरुड़। मां नंदा राजजात यात्रा 2026 की तैयारियों को लेकर कुमाऊं और गढ़वाल मंडल की संयुक्त बैठक मां कोटभ्रामरी ब्लॉक सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में यात्रा की व्यवस्थाओं, सुरक्षा, यातायात, ठहराव एवं श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। दोनों मंडलों के पदाधिकारियों और समिति सदस्यों ने आपसी समन्वय बनाकर यात्रा को सफल बनाने का संकल्प लिया।
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श्रद्धालुओं का जत्था पहुंचा मां कोटभ्रामरी
अल्मोड़ा से मां नंदा देवी मंदिर समिति की ओर से 100 से अधिक श्रद्धालुओं का जत्था मां के जयकारों के साथ काफिले में मां कोटभ्रामरी पहुंचा। पूरे रास्ते में भक्तगण “जय मां नंदा” के उद्घोष के साथ यात्रा को धार्मिक माहौल में संवारते रहे।
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नेताओं और गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति
बैठक का आयोजन दर्जा राज्य मंत्री शिव सिंह बिष्ट के नेतृत्व में किया गया और इसकी अध्यक्षता डॉ. राकेश कुंवर ने की। कार्यक्रम का संचालन सचिव मनोज सनवाल द्वारा किया गया। राजा साहब सहित सभी अतिथियों का स्वागत किया गया।
बैठक में मेला समिति अध्यक्ष मनोज वर्मा, मनोज सनवाल, धीरेन्द्र प्रताप सिंह राजा भैया, अनूप साह, हरीश बिष्ट, हरीश भंडारी, अमित साह मोनू पार्षद, अभिषेक जोशी पार्षद, अर्जुन सिंह बिष्ट पार्षद, कुलदीप मेर पार्षद, रवि गोयल, नगर निगम अल्मोड़ा महापौर अजय वर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक कैलाश शर्मा, पूर्व विधायक रघुनाथ सिंह चौहान, पूर्व राज्य मंत्री बिट्टू कर्नाटक, पूर्व कोपरेटिव बैंक अध्यक्ष ललित लटवाल, मीडिया प्रभारी जगत तिवारी, ग्राम पंचायत सदस्य कपिल मल्होत्रा, त्रिलोचन जोशी, नमिता जोशी, रोहित शैली, मोहन भंडारी, अभिषेक तिवारी, दिनेश मठपाल, राज्य मंत्री गंगा बिष्ट, राजेंद्र बिष्ट, परितोष बिष्ट, रक्षित साह, जगदीश नगरकोटी सहित चंपावत, रानीखेत और भवाली के प्रतिनिधि, हरीश कुमार, रवि कनौजिया , आशीश बिष्ट मौजूद रहे।
इसके अलावा पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण, भुवन नौटियाल, गढ़वाल मंडल प्रतिनिधि, कुंवर राकेश, मुन्ना वर्मा, गोपाल रावत, शोभा आर्या (जिला पंचायत अध्यक्ष बागेश्वर), पूर्व प्रमुख देवाल डीडी कुनियाल, विधायक बागेश्वर आर्या, गोविंद सिंह भंडारी (अध्यक्ष पड़ाव समिति), ब्लॉक प्रमुख किशन दुदिया, जनार्दन लोहनी, अंशुल साह, दीपक पंत, मोहिल साह, विधायक बागेश्वर पार्वती दास भी बैठक में शामिल हुए।
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2026 की यात्रा को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव
बैठक की शुरुआत में भुवन नौटियाल ने नंदा राजजात यात्रा का इतिहास और महत्व साझा किया। उन्होंने बताया कि यात्रा लगभग 200 किलोमीटर पैदल मार्ग पर आधारित है और हिमालय की कठिन राहों से गुजरती है।
अल्मोड़ा के अध्यक्ष मनोज वर्मा ने कहा कि “छंतौली” ले जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जानी चाहिए।
पूर्व विधायक रघुनाथ सिंह चौहान ने कहा कि यह यात्रा बहुत पौराणिक है और पूरे भारत में इसका नाम होना चाहिए। इससे उत्तराखंड की संस्कृति को नई पहचान मिलेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि 2026 की यात्रा को भव्य बनाने के लिए सबको मिलकर प्रयास करना चाहिए।
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वक्ताओं के विचार
पूर्व विधायक कैलाश शर्मा: यात्रा मार्ग के हर पड़ाव को सुसज्जित करना होगा, सभी जनप्रतिनिधि इसमें सक्रिय भूमिका निभाएं।
महापौर अजय वर्मा: 2000 की राजजात यात्रा का अनुभव इस बार भी व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने में सहायक होगा।
पूर्व विधायक रघुनाथ सिंह चौहान (अल्मोड़ा): यात्रा को भव्य बनाने के लिए मेरी जो भी भूमिका होगी, मैं पूरा सहयोग दूंगा।
राजपुरोहित प्रतिनिधि विनोद कुमार जोशी: यात्रा में दैवीय आपदाओं की आशंका रहती है, इसलिए सरकार से बजट बढ़ाने की मांग की जानी चाहिए।
कुंवर राकेश (गढ़वाल प्रतिनिधि): यह यात्रा हिमालय की सबसे बड़ी यात्रा है। इस बार इसका आयोजन और भी भव्य होगा। श्रद्धालुओं को अपनी क्षमता के अनुसार ही यात्रा करनी चाहिए।
विधायक पार्वती दास (बागेश्वर): यात्रा को भव्य बनाने के लिए सभी का सामूहिक सहयोग जरूरी है।
पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण: कत्यूर घाटी की ओर से सभी श्रद्धालुओं का स्वागत होगा। यात्रा के दौरान शराब का प्रचलन बिल्कुल नहीं होना चाहिए, इस पर कठोर नियंत्रण आवश्यक है।
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पंजीकरण और सुविधाओं पर जोर
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया जाए, ताकि संख्या नियंत्रण में रहे और व्यवस्थाएं सुचारू रूप से की जा सकें। समिति ने कहा कि यात्रा मार्ग पर चिकित्सा, पेयजल, ठहरने और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही सामाजिक संगठनों और महिला मंगल दलों से सहयोग लेने पर भी सहमति बनी।
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भव्य आयोजन का संकल्प
अंत में सभी उपस्थित जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों और श्रद्धालुओं ने एकमत होकर कहा कि 2026 की मां नंदा राजजात यात्रा को ऐतिहासिक और भव्य बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। श्रद्धालुओं ने मां नंदा से प्रदेश की सुख-समृद्धि और सबके कल्याण की कामना की।



